what is FII and DII data – हिन्दी

Fii And Dii (Foreign Institutional Investors) And (Domestic Institutional Investors) इसका शेयर बाजार पर काफी प्रभाव पड़ता है, क्यों की जब Fii और Dii शेयर बाजार में खरीदारी करते है तो बाजार ऊपर जाती है, और जब बाजार से पैसा निकालते है तो शेयर बाजार नीचे जाती है|

जितने भी लोग Stock Market में नया होंगे उन्हे FII और DII डेटा के बारे में कुछ समझ नहीं आता होगा। की क्या है ये Data और इस Data से Market पर क्या प्रभाव पड़ता हैं। तो आज मैं आप सभी को FII And DII के बारे Detail में बताऊंगा। Stock Market Investor और Trader को इससे क्या लाभ मिलता हैं।

what is FII AND DII Dataक्या है इसका मतलब

Share Market में Investors की भावनाओं और बाजार की दिशा को समझने के लिए FII AND DII Data का विश्लेषण (Analysis) कारण बहुत ही जरूरी हैं। ये Data यह बताता हैं की संस्थागत निवेशक (Institutional Investors) बाजार में खरीदारी कर रहे हैं या बिक्री। इस Data की मदद से न केवल Share Market की चला समझे में मदद मिलती है बल्कि इससे छोटे Investor को Invest करने का निर्णय लेने में भी मदद मिलती हैं।

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क्या है FII And DII

FII का पूरा मतलब है। विदेशी संस्थागत निवेशक (Foreign Institutional Investors) ऐसे विदेशी Investor जो भारत में Invest करते हैं लेकिन ये देश के नागरिक नहीं होते हैं। इन Investors को FII कहा जाता है। जो भारत जैसी विकसित हो रही Market में Invest करते हैं। ये देश के Mutual Fund, Pension Fund या फिर किसी भी Company में Invest करते हैं। FII निवेशकों भारतीय बाजार पर बड़ा प्रभाव डालते हैं इसका ये भी कारण है की उनके पास ज्यादा धनराशि (Fund) होती हैं।

DII क्या हैं?

DII का पूरा मतलब होता हैं। घरेलू संस्थागत निवेशक (Domestic Institutional Investors) इसके नाम से ही पता चल रहा है की ये देश के ही नागरिक होते हैं। जो भारतीय Share Market में Invest करते है ये भी देश के Mutual Fund, liquid Fund, और भी Fund और Shares में Invest कर सकते हैं। DII के पास अर्थव्यवस्था में शुद्ध निवेश प्रभाव को प्रभावित करने की उतनी ही क्षमता है जितनी विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के पास है।

कितनी जरूरी है FII AND DII Data ?

  • बाजार ी दिशा तय करने वाले में सहायक: जब कभी FII बाजार में बड़े पैमाने पर खरीदारी करता है। तो इससे ये पता चलता है की बाजार में सकारात्मक भावना है। और अगर FII बिकवाली कर रहे है तो बाजार में गिरावट आने की संभावना है।
  • Long-term और Short-term दृष्टिकोण: DII निवेशक आमतौर पर लंबे समय के लिए निवेश करते हैं। जबकि FII का निवेश कभी-कभी Short-term का होता है आगर आप इस Data का विश्लेषण (Analysis) करते है तो ये Data आपको ये समझने में मदद करेगी की बाजार किस दिशा में जा सकती हैं।

कैसे करें FII And DII Data का विश्लेषण (Analysis)

FII And DII

आप FII और DII Data का विश्लेषण कई तरीकों से कर सकते हैं।

  1. खरीदारी और बिकवाली:

इस Data से आप पता लगा सकते है कि FII और DII किस दिन, सप्ताह, या महीने में कुल कितनी खरीदारी की है। अगर FII बाजार में ज़्यादा खरीदारी करता है तो ये बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।

2. Sector निवेश:

FII और DII, जरूरी नहीं है कि ये दोनों एक ही Sector में निवेश करे। ये आमतौर पर दोनों अलग-अलग Sector में निवेश करते हैं। तो ये भी देखना जरूरी है की ये किस Sector में निवेश कर रहे हैं। क्योंकि भविष्य में उस Sector की सकारात्मक संकेत दर्शाता हैं।

3. FII और DII का लंबे समय का Data देख कर आप ये पता लगा सकते है कि निवेशक किस Sector में निवेश करने के लिए रुचि दिखा रहे हैं।

बाजार पर FII और DII का प्रभाव

  1. Share Market पर:

जब FII निवेश बाजार में खरीदारी करते हैं। तो बाजार में तेजी आती है, और बाजार में गिरावट का कारण उनकी बिकवाली होती हैं।

DII आमतौर पर बाजार की गिरावट के दौरान खरीदारी करते है जिससे होता ये है कि गिरावट के दौरान बाजार को स्थिरता मिलती हैं।

2. रूपये की मजबूती और कमजोरी:

जब FII बड़े पैमाने पर निवेश करती है तो रूपये की मांग बढ़ जाती हैं। जिससे भारतीय मुद्रा मजबूत हो जाती हैं। और जब FII बाजार से बड़े पैमाने पर पैसा निकालते है तो रूपये पर दबाव बनता है।

FII And DII Data को कैसे ट्रैक किया जा सकता है?

अगर हम FII And DII Data से इतना कुछ पता लगा सकते है। और एक अच्छा Investment प्लान बना सकते है तो अब बात आती हैं, की हम FII और DII Data को ट्रैक कैसे करें। ये Data आपको आसानी से Stock Exchange पर मिल जाएगा यानी NSE (Bombay Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) ये Data के लिए आपको NSE और BSE की Website को चेक करते रहना होगा क्योंकि ये Data दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर अपडेट होते रहता हैं।

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं। updatehindustan.com की अपनी नहीं हैं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लें।

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