क्यों हो रही हैं Hindenburg Research बंद, क्या है असली वजह

Hindenburg Research, के संस्थापक ने नोट में बताया की, कंपनी को बंद करने का निर्णय व्यक्तिगत है। और इसके पीछे कोई विशेष खतरा, स्वास्थ्य समस्या, या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। 

Hindenburg Research, जो वित्तीय और कॉरपोरेट घोटालों को उजागर करने के लिए जानी जाती हैं। लेकिन इसके संस्थापक नैट एंडरसन ने एक नोट शेयर किया, जिस नोट में बताया गया है की की अब वो Hindenburg Research को बंद कर रहे हैं। और नोट में उन्होंने कंपनी को बंद करने का कोई भी बड़ा कारण नहीं बताया है।

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Hindenburg Research का स्थापना 2017 में नैट एंडरसन ने किया था, Hindenburg Research ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों को उजागर किया । Hindenburg Research लोगो के नजर में तब आई जब इसने 2023 में Adani Group पर कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला का आरोप लगाया था, जिसके कारण Adani Group के shears में भारी गिरावट आई। इसके बाद Hindenburg Research, ने भारत में दूसरा आरोप 10 अगस्त, 2024 को SEBI की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच पर लगाया था। Hindenburg Research, ने आरोप लगाया की SEBI, के चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने IPE, पल्स फंड 1, मॉरीशस में रिजिस्टर्ड फंड और ग्लोबल डायनेमिक Opportunities फंड, बरमूडा स्थित फंड में निवेश किया था। माधवी पुरी बुच और धवल बुच ने अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर Hindenburg, द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार कर दिया था।

Hindenburg, ने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर के भी कई कंपनियों का घोटालों के बारे में जानकारी सभी तक पहुंचाई थी।

Hindenburg Research बंद होने का क्या है वजह ?

Hindenburg Research, के संस्थापक ने नोट में बताया की, कंपनी को बंद करने का निर्णय व्यक्तिगत है। और इसके पीछे कोई विशेष खतरा, स्वास्थ्य समस्या, या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है। नैट एंडरसन ने बताया की जिस उद्देश्य के लिए कंपनी की शुरुआत की गई थी। वह उद्देश्य पूरा हो गया है। और इस लिए इसे बंद करने का समय आ गया हैं।

नोट में ये भी बताया की वे अपने जीवन में पहली बार आत्मिक शांति महसूस कर रहे हैं।

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